
*पवित्रता का विशेष ध्यान रखेंगे….कमल नागपाल*
*चालीहा साहब के पहले दिन श्री झूलेलाल मंदिर में 10 युवाओं का जन्मदिन मनाया गया*
*दीवाने झूलेलाल साईं के संस्था के आयोजन को सभी ने सराहा*
खंडवा।चालीहा साहब के पहले दिन बुधवार देर रात श्री झूलेलाल मंदिर सिंधी कॉलोनी खंडवा में 10 युवाओं का जन्मदिन एक साथ मनाया गया।समाज के प्रवक्ता कमल नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि सावन और चालीहा साहब की पवित्रता बनाए रखने के लिए आने वाले 40 दिन तक मंदिर में अंडा रहित वेजिटेरियन केक ही काटे जाएंगे।दीवाने झूलेलाल साईं के…ग्रुप के जैकी रेवतानी और विक्रम सहजवानी के साथ साथ कमल नागपाल,अनिल सभनानी, किशोर चंदवानी,नीरज फतवानी,कमल बजाज,मनीष मलानी,अमित वेदानी,मुरली डोडानी,अजय विधानी,दीपू हिंगोरानी,प्रदीप कोटवानी,कैलाश चंचलानी,कृष्णा विधानी,भीष्म सहजवानी,साहिल मंगवानी आदि ने बालकृष्ण पुरुस्वानी,हरीश रेवतानी,नरेश लालवानी,राहुल गैलानी,अनिल विश्वानी,हरीश गोस्वामी आदि को माला पहनाकर जन्मदिन की बधाई दी।
*चालीहा साहब के पहले दिन से ही धार्मिक उल्लास चरम पर*
।इससे पूर्व सिंधी कॉलोनी के प्राचीन झूलेलाल मंदिर में श्री झूलेलाल नवयुवक मंडल व श्री झूलेलाल समर्थ पैनल के नेतृत्व में सिंधी समाज द्वारा चालीहा साहब का शुभारंभ हुआ।श्री झूलेलाल नवयुवक मंडल के अध्यक्ष मोहन दीवान और झूलेलाल भक्त राम वासवानी ने बताया कि सिंधी समाज की आस्था का प्रतीक चालीहा साहब पर्व बुधवार से शुरू हो गया। सिंधी कॉलोनी स्थित प्राचीन झूलेलाल मंदिर में श्री झूलेलाल नवयुवक मंडल व श्री झूलेलाल समर्थ पैनल के तत्वाधान में चालीस दिन के महापर्व की शुरुआत की गई।
उल्लेखनीय है कि श्री झूलेलाल मंदिर में 69 वर्षों से अखंड ज्योत जल रही है, जो सिंध प्रांत (अब पाकिस्तान) से लाई गई थी। 1956 में सिंध से आए सिंधी परिवार इस ज्योत को साथ लाए थे।यह ज्योत तब से लगातार मंदिर में जल रही है। इस मौके पर समाज की महिलाओं और बालिकाओं में विशेष उल्लास नजर आया।सिंधी समाज द्वारा 40 दिनों तक यह पर्व आस्था और साधना के साथ मनाया जाता है।इस दौरान समाज जन उपवास रखते हैं, जल में बैठकर पूजा करते हैं और झूलेलाल भगवान की पूजा अर्चना करते हैं।पहले दिन सुबह अखंड ज्योत की पूजा कर भगवान झूलेलाल की पल्लव आरती की गई। आरती में महिलाओं और बच्चों ने भाग लिया।मंदिर में रोज सुबह, दोपहर और शाम को पूजा-अर्चना की जाएगी। पर्व का समापन 40वें दिन ‘चालीहा उत्सव’ के साथ होगा।विशाल आम भंडारे के साथ ही समापन होगा।